Gyanvapi Survey News: एएसआई सर्वे की रिपोर्ट दोनों पक्षों को मिला। हिंदू पक्ष को भी और मुस्लिम पक्ष को भी, हिंदू पक्ष से वकील विष्णु शंकर जैन और मुस्लिम पक्ष से वकील अखलाख अहमद को दिया गया, 839 पन्ने की हैं एएसआई की रिर्पोट।
वकील विष्णु शंकर जैन को रिपोर्ट मिलने के बाद उन्होंने बताया कि, सर्वे रिपोर्ट में साफ-साफ बताया गया है की ज्ञानवापी पहले हिंदू मंदिर था। औरंगजेब के राज्य करने के दौरान 17वीं शताब्दी में हिंदू मंदिर की संरचना को तोड़ा गया और उसके बाद वहां मंदिर के अवशेषों और खंबो को इस्तेमाल में लिया गया मस्जिद बनाने के लिए। ज्ञानवापी में 32 ऐसी जगह मिली है जहां पर मंदिर होने का साक्षात प्रमाण मिलते है।
हिंदू मंदिर होने के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं
एएसआई के द्वारा किए गए ज्ञानवापी में पुरातत्व सर्वेक्षण के सर्वे में यह साफ-साफ पाया गया है कि, ज्ञानवापी पहले हिंदू मंदिर था। कोर्ट की फैसले पर गुरुवार को दोनों ही पक्षों को 839 पन्नों का रिपोर्ट प्रिंट कॉपी दे दिया गया है। मंदिर के पक्ष में वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया है एएसआई सर्वे के दौरान ज्ञानवापी में कई शिलालेख देखे गए हैं।
ज्ञानवापी सर्वे (Gyanvapi Survey News) रिपोर्ट सर्वेक्षण के दौरान पूरे 34 शिलालेखों के मिलने की बात कही गई है, रिपोर्ट में यह भी बताया जा रहा है कि पहले से जो मौजूद हिंदू मंदिर उनके पत्थर पर यह शिलालेख हैं। जिनका इस्तेमाल मौजूद ढांचे में दोबारा किया गया है, दो तहखाने ऐसे मिले हैं जिनमें हिंदू देवी देवताओं का मालवा भी मिला है,
एएसआई की रिर्पोट (Gyanvapi Survey News) में पाया गया…
एएसआई की सर्वे रिपोर्ट में यह भी पाया गया है की मस्जिद की पश्चिमी दीवार एक हिंदू मंदिर का ही भाग है, और इतना ही नहीं रिपोर्ट में देवनागरी, कन्नड़ और तेलुगु में ग्रंथ के होने का सबूत भी मिला है। रिपोर्ट में साफ-साफ पाया गया है कि 2 सितंबर 1669 को मंदिर ढाया गया था,और मंदिर ढाने के बाद मंदिर के पिलर को मस्जिद बनाने के इस्तेमाल में लिया गया था।
सनातन धर्म से जुड़े सबूत मिले तहखाने में
देश के बड़े न्यूज चैनल और एएसआई रिपोर्ट में मिली जानकारी से पता चला स्वास्तिक, नाग, कमल पुष्प, घंटी, ओम लिखा हुआ, यह सब चीजों के निशान वहां पर पाए गए हैं। और तहखाने के अंदर खम्बो पर तमाम कलाकृतियां ऐसी मिली है जो सनातन धर्म को दर्शाता है।
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